Kya Aatma Hoti Hain , Horror Kahani

Kya Aatma Hoti Hain , Horror Kahani.

बहुत से लोग ऐसे भी मिल जाएंगे जो भूत प्रेत या फिर किसी आत्मा पर विश्वास नहीं करते हैं। पर उन सभी मे कुछ ऐसे भी मिल जाएगे जो आत्मा पर विश्वास करते हैं। अपने अपने मन की बात हैं कोई भूत प्रेत पर विश्वास करता हैं तो कोई नहीं करता हैं। पर हकीकत यही हैं की जब इंसान हैं तो आत्मा भी हैं। तभी तो जब आत्मा शरीर से निकल जाता हैं तो किसी को मारा हुआ समझा जाता हैं।

इंसान के शरीर का महत्व उस वक़्त तक ही हैं जब तक शरीर के अंदर आत्मा हैं। जब शरीर से आत्मा निकल जाए तो इंसान के शरीर का महत्व खत्म हो जाता हैं। शरीर के अंदर से आत्मा निकलने के बाद शरीर एक निर्जीव बन जाता हैं। शरीर माटी की तरह हो जाता हैं और माटी मे मिल जाता हैं। अच्छे लोगो की आत्मा भी अच्छी होती हैं, पर बुरे लोगो की आत्मा बहुत बुरी हो जाती हैं। मोक्ष मिल पाना इतना आसान नहीं हैं हर किसी के आत्मा को प्रेत योनि मे भटकना पड़ता हैं। वो अपने अधूरे इच्छा को पूरा करना चाहती हैं।

पर अफसोस वो अधूरा इच्छा अधूरा ही रह जाता हैं। बहुत से आत्मा तो ऐसे होते है जो किसी के शरीर को अपना वाश बना कर बहुत दिनो तक चुपके से उसके शरीर मे रहते हैं और अपना इच्छा को पूरा करते रहते हैं। बुरे लोगो के आत्मा को चैन कहा वो तो प्रेत योनि मे बहुत दिनो तक भटकने के बाद भी चैन नहीं मिल पाता हैं। पर लोगो के दिमाग मे एक बात हमेशा घूमता रहता हैं,

की क्या आत्मा होती हैं। अगर आत्मा होती हैं तो क्या आत्मा अमर हैं जैसे सवाल। पर उन सवालों का एक ही जवाब हैं। हाँ आत्मा होती हैं। जिसे लोग भूत प्रेत या चुड़ैल के नाम से जानते हैं। अपनी ज़िंदगी मे मैंने भी एक बार किसी की आत्मा को देखा हैं इसलिए मैं कह सकता हूँ की आत्मा होती हैं। एक बार की बात हैं मैं अपने दोस्त के घर गया हुआ था। मेरे दोस्त के बड़े भाई का शादी था।

मेरा दोस्त मेरे साथ ही पढ़ता हैं। हम एक साथ एक ही कॉलेज मे पढ़ते हैं। वो और मैं एक साथ एक ही कॉलेज के हॉस्टल मे भी रहते हैं। जिस वजह से उसके और मेरे बीच मे गहरी दोस्ती हैं। जब मेरे घर मे कोई त्योहार रहता हैं तो मैं उसे बुला लेता हूँ और जब उसके घर मे कोई त्योहार रहता हैं तो वो मुझे बुला लेता हैं। उसके भाई का शादी था जिस वजह से उसने मुझे अपने घर बुलाया था। उसका घर गाँव मे था।

जिस कारण मुझे उसका गाँव जाना पड़ गया। उसके भाई का शादी था हम सभी वहाँ पर शादी मे सामील होने के लिए आए थे। शादी मे बहुत से लोग आए हुए थे। उस लड़के के रिस्तेदार और भी बहुत से लोग, उसका घर पूरा भर गया था। घर मे इतने मेहमान आए की घर के अंदर सोने का जगह ही नहीं था। रात के समय हम सभी छत के ऊपर सोते थे। एक दिन की बात हैं मैं और भी बहुर से लड़के छत के ऊपर सोये हुए था। रात मे बहुत देर तक आपस मे बातें किए और सो गए। जब सभी गहरी नींद मे सोये हुए थे तो अचानक से मेरा नींद टूटा।

उस वक़्त आधा रात बीत चुका था। रात काफी घनी थी चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा पसरा हुआ था। आस पास से झींगुर की आवाज आ रही थी। अगर उस खामोशी को कोई तोड़ रहा था तो किसी के झारु मारने का आवाज़। मुझे ऐसा लगा की मेरे दोस्त के घर के बगल मे जो घर हैं उस घर के आँगन मे कोई झारू मार रहा हैं। मैं सोच मे पड़ गया की आखिर कार इतना रात गए यहाँ पर कौन झारू मार रहा हैं। चारों तरफ अंधेरा पसरा हुआ हैं और कोई अंधेरे मे झारू क्यू मार रहा हैं। कुछ देर तक तो मैं झारू का आवाज़ सुनता रहा। फिर अपने बिस्तर से उठा और छत के उस कोने की तरफ बढ़ गया जिस कोने से झारू की आवाज़ आ रही थी। मैंने देखा की एक औरत रात के अंधेरे मे झारू मार रही हैं।

मैं सोच मे पड़ गया की इसे क्या जरूरत लगा हैं की इतनी रात गए यहाँ झारू मार रही हैं। मैं गौर से उसे देख रहा था। रात अंधेरा था जिस वजह से मुझे कुछ साफ नजर नहीं आ रहा था। पर मैंने देखा की एक बूढ़ी औरत थी जो अपने घर के आँगन मे झारू मार रही थी।

कुछ देर तक देखने के बाद मैं अपने बिस्तर पर आ कर लेट गया। जब सुबह हुआ तो मैंने ये बात अपने दोस्त को बताया। मेरा दोस्त बोला की इन सभी के ऊपर ध्यान मत देना। फिर से कभी उसे देखने मत जाना। मैं सोच मे पड़ गया की मेरा दोस्त ऐसा क्यू बोला। मुझे उस वक़्त तक भी कोई शक नहीं था।

हम सभी शादी के काम काज मे व्यस्त हो गए। फिर से शाम हुआ और हम सभी छत पर सोने के लिए चले गए। उस रात हम सभी काफी देर तक आपस मे बातें करते रह गए। बातें करते करते नहीं पता कब आधी रात का समय भी गुजर गया। आधी रात के बाद फिर से झारू मारने की आवाज़ आने लगी।

उस झारू मारने की आवाज़ सुन कर मेरा दोस्त खामोश हो गया और हम सभी से बोला की अब सो जाओ। कल सुबह जागना पड़ेगा। पर मेरे अंदर जिज्ञाशा था की आखिर कार आधी रात के समय ये कौन बूढ़ी औरत हैं जो झारू मार रही हैं। मैं अपने दोस्त से पूछा की ये कौन औरत हैं जो आधी रात के बाद झारू मार रही हैं। मेरा दोस्त बोला की इन सभी चीजों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। मैं अपने दोस्त से ज़िद्द करने लगा की बताओ तो सही ये कौन औरत हैं जो आधी रात के समय झारू मार रही हैं। बहुत पुछने के बाद वो बोला की ये जो औरत झारू मार रही हैं।

वास्तव मे वो एक बूढ़ी औरत नहीं बल्कि ये एक बूढ़ी औरत की आत्मा हैं। बहुत दिन पहले इस घर मे एक बूढ़ी औरत रहा करती थी। उस औरत का रोज का आदत था की वो सुबह सुबह ही अपने घर आँगन मे झारू मारती और घर आँगन को साफ सुथरा करती। उस बूढ़ी औरत का एक ही बेटा हैं जो इस समय परदेश मे रहता हैं। वो परदेश मे रह कर पैसा कमाता हैं और अपने बीवी बाल बच्चे के साथ परदेश मे रहता हैं।

बूढ़ी औरत अपने घर मे अकेले रहा करती। एक दिन की बात हैं वो बूढ़ी औरत बीमार पड़ी और मर गईं। जब ये बात उसके बेटे को पता चला तो वो अपने माँ का दाह संस्कार करने के लिए अपने गाँव आया। उसने अपने माँ का दाह संस्कार तो किया पर अच्छी तरह से नहीं किया। उसने घर मे पुजा पाठ भी नहीं करवाया और परदेश वापस चला गया। उस बूढ़ी औरत की आत्मा अब भी भटक रही हैं। वो अब भी अपने घर मे रहती हैं और रोज आधी रात के समय अपने घर आँगन का सफाई करती हैं। मैं उस लड़के का बात सुन कर डर गया क्यू की जिस बूढ़ी औरत को मैंने झारू मारते हुए देखा था। वो कोई बूढ़ी औरत नहीं बल्कि उसकी आत्मा थी। मुझे डर भी लग रहा था और एक सोच मे भी पड़ गया की।

उसका बेटा अपनी माँ का अंतिम संस्कार अच्छी तरह से क्यू नहीं करवा पाया। हो सकता हैं पैसे की कमी होगी या पैसा खर्च करना नहीं चाह रहा होगा। पर जो भी हो मैंने एक बूढ़ी औरत का आत्मा देखा था और मैं जनता हूँ की आत्मा होते हैं। जो अपने मरने वाले स्थान मे भटकते रहते हैं। एक गहरा सोच ले कर मैं अपने दोस्त के घर से वापस हॉस्टल चला आया।